ड्रोन के जरिए फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, खेतों में फसलों में दवाई का छिडक़ाव, उद्यमों, यूनिवर्सिटी व अन्य जगहों पर ड्रोन के जरिए सर्वेलेंस, सुरक्षा एजेंसियों की ओर से सर्वेलेंस, कंस्ट्रक्शन साइट पर जमीन के सर्वे, मैपिंग में ड्रोन का उपयोग खूब हो रहा है। इसमें काफी मांग है।
जीटीयू सूत्रों का कहना है कि ड्रोन फ्लाइंग में रोजगार की अपार संभावनाओं को देखते हुए जीटीयू इससे जुड़ा एडवांस कोर्स भी शुरू करने की तैयारी में है। इसके लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए ) की मंजूरी लेने की प्रक्रिया जारी है। मंजूरी मिलते ही एडवांस कोर्स भी शुरू किया जाएगा। एडवांस कोर्स करने पर विद्यार्थी को डीजीसीए मान्य ड्रोन पायलट का प्रमाण-पत्र मिलेगा।
मेठिया बताते हैं कि बेसिक ड्रोन फ्लाइंग कोर्स के पहले बैच में 10 दिव्यांगों को मुफ्त में प्रशिक्षण देने की योजना है। इसके अलावा हर बैच में मेधावी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने की भी योजना है।
खेतों में दवाई का छिडक़ाव करने से लेकर विवाह समारोह, रैलियों में ड्रोन का उपयोग बढ़ा है। कई कंपनियां, सुरक्षा एजेंसियां भी ड्रोन का उपयोग कर रही हैं। इसे देखते हुए जीटीयू ड्रोन फ्लाइंग का बेसिक कोर्स शुरू करने जा रही है। इसे मंजूरी दे दी गई है। इसे जीटीयू के ही स्टार्टअप ड्रोन लैब के साथ मिलकर शुरू किया जा रहा है। विवि इससे जुड़ा एडवांस कोर्स भी शुरू करेगी।
– डॉ. नवीन शेठ, कुलपति, जीटीयू